गहगहाकर फूला है गुलमोहर
भभक्क लाल
बंद पड़ी फैक्ट्री के भीतर
टूटकर लटकती एस्बेस्टस शीट्स की आड़ में
खुशी पगार से इतर भी होती है
अगर चिमनियों से उठ रहा हो धुँआ
करने भर को हो काम
और हिक भर हो उम्मीद कल की
चिमनियों से धुँआ रुकने के साथ
रुक जाती है आँख में सपनों की उड़ान
रुक जाती हैं बच्चों की पढाइयां
और दवाइयाँ भी बुजुर्गों की
ट्रकों पर लदते सामान के साथ
लदते हैं बच्चों के जन्मदिन , विवाह और याराने
सबसे निचले हिस्से में निश्चिंतताओं के बगल
अपूर्ण जिम्मेदारियों के ठीक नीचे
दबे-दबे दुबके-दुबके
बंद हुई फैक्ट्रियों में रह जाते हैं
खुले दरवाजे वाले खाली होते मकान
मकानों पर चिपके एविक्शन नोटिस
और भीतर कमरे की सबसे अच्छी दीवार पर
हरे-लाल रिबन से लिखा हैप्पी बर्थडे
गहगहाकर फूला है गुलमोहर
लाल भभक्क
कि जिंदगी ढूंढ लेती है
मुस्कुराने के नए बहाने
और उम्मीद होती भी बहुत बेहया है !
भभक्क लाल
बंद पड़ी फैक्ट्री के भीतर
टूटकर लटकती एस्बेस्टस शीट्स की आड़ में
खुशी पगार से इतर भी होती है
अगर चिमनियों से उठ रहा हो धुँआ
करने भर को हो काम
और हिक भर हो उम्मीद कल की
चिमनियों से धुँआ रुकने के साथ
रुक जाती है आँख में सपनों की उड़ान
रुक जाती हैं बच्चों की पढाइयां
और दवाइयाँ भी बुजुर्गों की
ट्रकों पर लदते सामान के साथ
लदते हैं बच्चों के जन्मदिन , विवाह और याराने
सबसे निचले हिस्से में निश्चिंतताओं के बगल
अपूर्ण जिम्मेदारियों के ठीक नीचे
दबे-दबे दुबके-दुबके
बंद हुई फैक्ट्रियों में रह जाते हैं
खुले दरवाजे वाले खाली होते मकान
मकानों पर चिपके एविक्शन नोटिस
और भीतर कमरे की सबसे अच्छी दीवार पर
हरे-लाल रिबन से लिखा हैप्पी बर्थडे
गहगहाकर फूला है गुलमोहर
लाल भभक्क
कि जिंदगी ढूंढ लेती है
मुस्कुराने के नए बहाने
और उम्मीद होती भी बहुत बेहया है !