tag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post6945103829341477180..comments2023-09-19T16:42:05.869+05:30Comments on deehwara--डीहवारा: ...अचीन्हे नयनrajani kanthttp://www.blogger.com/profile/01145447936051209759noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post-50859710495575125542011-02-13T16:46:50.888+05:302011-02-13T16:46:50.888+05:30रजनी कांत जी!देखती ही रहो आज दर्पण न तुम, प्यार का...रजनी कांत जी!देखती ही रहो आज दर्पण न तुम, प्यार का ये महूरत निकल जाएगा की तर्ज़ पर.. लेकिन भावों में ध्रुवों का अंतर.. आपके यह प्रश्न जो कविता में उभरे हैं उनका उत्तर सम्भव है क्या.. शायद नहीं.. आपकी कविताओं में जो ऐंटीरोमाण्टिक रोमांस दिखता है वो जान ले लेता है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post-30128607993207460182011-02-12T06:18:39.701+05:302011-02-12T06:18:39.701+05:30अनचीन्हे नयन से सही, देखा तो.अनचीन्हे नयन से सही, देखा तो.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post-8355773948786941222011-02-11T12:25:44.297+05:302011-02-11T12:25:44.297+05:30पीर के मन्त्र का जाप हो जाऊँगा
पीर का रियाज़ी हों...पीर के मन्त्र का जाप हो जाऊँगा<br /><br />पीर का रियाज़ी होंना -नसीब kii baatपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post-3519061044433391082011-02-11T10:23:27.311+05:302011-02-11T10:23:27.311+05:30मोहक, मीठी कविता सदैव की भांति।मोहक, मीठी कविता सदैव की भांति।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3233550623397983703.post-46724005273378170512011-02-10T23:43:52.310+05:302011-02-10T23:43:52.310+05:30कृष्ण अदीब की एक गज़ल है,
मैं बियाबान-ए-मोहब्बत की...कृष्ण अदीब की एक गज़ल है,<br />मैं बियाबान-ए-मोहब्बत की सदा हो जाऊँ,<br />हाथ जो तुझको लगाऊँ तो फ़ना हो जाऊँ..<br /><br />प्रोफ़ैसर साहब, प्लैटोनिक लव और दैहिक प्रेम एक दूसरे के पूरक हैं या बैरी, बहुत कन्फ़्यूज़िंग मैटर है।<br /><br />बहरहाल, हमेशा की तरह, आप की कविता लाजवाब है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com